बिना किसी काम के थकान से बुखार आता है भला !
“स्वाति! कितना सोएगी यार, देखो अंश कब से रो रहा है.” “नितिन! आज शरीर बहुत टूट रहा है, सर में बहुत दर्द है, उठा नहीं जा रहा है, आप प्लीज मम्मी जी से कहकर अंश की बोतल बनवा दो.” “स्वाति, तुम्हें पता है ना… मम्मी का पूजा का टाइम होता है और वह आधा घंटे से पहले नहीं उठने वाली. तुम्हें खुद ही अंश की बोतल बनानी होगी.”